Mar 294 minताइवान के प्रति जिज्ञासा और प्रेम जगाती कविताएँइस संग्रह से गुज़रते हुए यह बात बरबस ही महसूस होती है कि भारत की ही तरह ताइवान में भी वसुधैव कुटुंबकम की उदात्त भावना पाई जाती है।
Dec 20, 20214 minभोगे हुए यथार्थ के दुःख की नींव में हमेशा एक चिंगारी होती है - (अक्करमाशी, शरणकुमार लिंबाले)प्रकाशन वर्ष – १९८४ ( 1984 ) अनुवाद – सूर्यनारायण रणसुभे भोगे हुए यथार्थ के दुःख की नींव में हमेशा एक चिंगारी होती है। यह चिंगारी दो मुही...
Nov 1, 20214 minगागर में सागर - नरेश सक्सेना का कविता संग्रह ‘समुद्र पर हो रही है बारिश’नरेश सक्सेना जी का यह कविता संग्रह ‘समुद्र पर हो रही है बारिश’ हमेशा से ही मुझे एक पुरानी और प्रचलित कहावत ‘गागर में सागर’ की याद दिलाता...