Jun 8Hindiइस कविता को एक अश्लील कविता ही रहने दीजिए — हरदीप सबरवाल की कविताएँ कहाँ होता है कुछ कलात्मक-सा भूखे पेट का किस्सा कहती कविता में, कि भ्रष्टाचार की बात करती कविता नहीं दंभ भरती किसी कलाकारी का