पैरों के भीतर रफ़्तार का हलाहल प्रविष्ट कर रहा है — आकांक्षा की कविताएँ
माँ ख़ुद भी सजावट थी ड्रॉइंग रुम में — ऋचा कश्यप की कविताएँ
मेरी सारी पक्षधरता जाली है — यशस्वी पाठक की कविताएं
मेरी सीधी बातें एक मध्यवर्गीय लड़के का अवसाद हैं / हिमांशु जमदग्नि की कविताएँ
हे ईश्वर, हमें अर्थपूर्ण संघर्ष दो / निशांत कौशिक की कविताएँ
चूमकर ही माँगूँगा माफ़ी — कुशाग्र अद्वैत की कविताएं
मन की परतों को उघाड़ती कहानियाँ
ताइवान के प्रति जिज्ञासा और प्रेम जगाती कविताएँ
मूनलाइट, स्वयं की ख़ोज
अलीगढ़ – रूढ़ियों और सामाजिक पाखंड की सच्ची तस्वीर
हस्तकला शिल्प और तकनीक का सहास्तित्व
भोगे हुए यथार्थ के दुःख की नींव में हमेशा एक चिंगारी होती है - (अक्करमाशी, शरणकुमार लिंबाले)